गणेश आरती: सम्पूर्ण हिंदी लिरिक्स और महत्व

गणेश आरती हर हिंदू पूजा का अभिन्न हिस्सा है। यह आरती भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी आरती गाना न केवल परंपरा है, बल्कि यह भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करती है।

इस ब्लॉग में हम गणेश आरती के सम्पूर्ण हिंदी लिरिक्स के साथ-साथ इसके महत्व और गाने के सही तरीके पर चर्चा करेंगे। अगर आप गणेश उत्सव, गणेश चतुर्थी, या किसी अन्य शुभ अवसर पर भगवान गणेश की आराधना कर रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

गणेश आरती का महत्व

भगवान गणेश को पहला पूज्य देवता माना गया है। उनकी पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है। उनकी आरती गाना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मन को शांत और एकाग्र भी करता है।

गणेश आरती गाने के फायदे:
  1. विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। आरती गाने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  2. शुभता का संचार: यह आरती सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक है।
  3. आध्यात्मिक शांति: आरती गाने से मन में शांति और समर्पण की भावना उत्पन्न होती है
गणेश आरती के सम्पूर्ण हिंदी लिरिक्स

गणेश आरती का सबसे प्रचलित और प्रिय रूप है “जय गणेश, जय गणेश देवा”। यह आरती भगवान गणेश के दिव्य गुणों और शक्ति का वर्णन करती है। नीचे गणेश आरती के पूर्ण लिरिक्स दिए गए हैं:

जय गणेश आरती हिंदी में

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डू चढ़े, सोंठ चढ़े, सुरा चढ़े सेवा।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

नोट: इस आरती को गाते समय घी का दीपक जलाना और भगवान गणेश के चरणों में फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

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